Nisha Sheth

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लेखनी प्रतियोगिता -05-May-2023बारिश की बूँदों की आवाज़- स्वैच्छिक

बारिश की बूँदों की आवाज़

बारिश की बूँदों की आवाज़ दिल के 
किसी कोने में आज भी गूंजती है,
जैसे उससे जुड़ी वो सौंधी सी ख़ुशबू
आज भी मुझे तेरी याद दिलाती है।

बारिश आते ही उसमें तेरा भीगना,
फिर मेरा तेरे पास आकर बेक़ाबू होना,
बारिश बूँदों का तेरे बदन पे इतराना,
और यारा मेरा उसे देखकर जलना ।

बारिश की बूँदों की सुरीली आवाज़
मेरे सूने मन में ख़ुशियाँ भर देती।
तेरे संग बीते लम्हों को जैसे
फिर से सजीवन कर महक जाती।

निशा शेठ

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4 Comments

Punam verma

06-May-2023 09:33 AM

Very nice

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Nisha Sheth

06-May-2023 03:10 PM

Thank you 😊

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Abhinav ji

06-May-2023 08:16 AM

Very nice 👍

Reply

Nisha Sheth

06-May-2023 03:10 PM

😊 Thank you

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